हँसी के बिना जीवन नहीं
- योगाचार्य ढाकारामno life without laughter Yogacharya Dhakaram
- आप सभी को हमारा मुस्कुराता नमस्कार। एक कदम स्वास्थ्य से आनंद की ओर कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत है। मित्रों, आज हम बिंदास होकर हँसने की बात को समझेंगे। कहते हैं ना, हँसी के बिना जीवन नहीं। हँसने के बाद आँखें बंद करके ऐसा महसूस होगा कि हमारे शरीर का अंग-अंग हँस रहा है।
जब मैं हँसने की बात करता हूँ तो आप बोलेंगे कि बिना बात क्यों हँसें?
आप जरा ध्यान से सोचिए, हँसी के बिना कोई जीवन है क्या? हँसी के बिना जीवन में सब कुछ नीरस ही नीरस है। आप उदास आदमी के पास जाना पसंद करेंगे क्या? नहीं करेंगे ना? किस तरह के लोगों के पास जाना पसंद करेंगे? खुशनुमा हो, जो हँसता रहे, मुस्कुराता रहे। उससे हमारी बात करने की भी इच्छा होगी।
मैं किसी कारपोरेट जगत की बात करूं या किसी अन्य जगह की बात करूं, जब खुशनुमा और आनंदित लोग मिलते हैं तो उसके चारों तरफ का वातावरण बहुत ही आनंद में हो जाता है। जब मैं योग की बात करूं तो योग का मतलब ही आनंद होता है। जब हँसते रहेंगे, मुस्कुराते रहेंगे तो आपके चारों तरफ का वातावरण सकारात्मक होगा। आपके सारे काम अच्छे होंगे। अगर सारे काम अच्छे नहीं हो तो भी कोई बात नहीं, क्योंकि जीवन के सारे कार्य अच्छे हो ऐसा संभव नहीं है। कभी खुशी, कभी गम, सिर्फ हमारे देखने का नजरिया है। क्योंकि जैसे कि दिन और रात है, इस प्रकार हमारे जीवन में दुख और सुख भी है। मैं कहता हूं, मुस्कुराते हुए देखना चाहिए।
आप बोलेंगे, हम सारा दिन हँसेंगे तो लोग क्या बोलेंगे? लोग बोलते भी हैं, सारा दिन पागलों की तरह हँसते रहते हो। मैं तो बोलता हूं, बिना वजह हँसते रहना चाहिए। कहते हैं ना, हँसते-हँसते कट जाए रास्ते। मैं बोलता हूं, दिन भर कहां से हँसने का वजह लाएंगे, कहां से चुटकुले सुनेंगे या सुनायेंगे? मैं आपको हँसने की वजह देता हूं या यूं कहें हँसने की चाबी देता हूं। जब भी आप परेशान हो, उदास हो तो आप एक बात को याद रखें और बिंदास होकर हँसे और अपने जीवन में आनंद को लाएं।
तो मेरे प्यारे मित्रों, इस दुनिया में अनगिनत लोग आए हैं, अनगिनत लोग चले गए और अनगिनत लोग हमारे और आपके जैसे चले जाएंगे। यह निश्चित है, आए हैं तो जाना ही है। लेकिन क्या आपने कभी गौर से सोचा कि कोई हमारे जैसा है? बिल्कुल भी नहीं है। हम दूसरों को देखते हैं, लेकिन हमारे जैसा कोई नहीं है। इसलिए आप आज के बाद जब भी दुखी हों, परेशान हों, अकेले हों, तो यह सोचकर हँसें कि मेरे जैसा इस दुनिया में कोई भी नहीं है। परमपिता (सुप्रीम पावर) परमेश्वर ने मुझे अनोखा (यूनिक) बनाया है। आपके जैसा खूबसूरत इंसान इस दुनिया में कोई नहीं है। यही सोचकर हम लोगों को हँसना चाहिए। इस दुनिया में मेरा जैसा दूसरा कोई नहीं है। और सभी माताएं और बहनें सोचेंगी कि मेरे जैसी खूबसूरत महिला इस दुनिया में कोई नहीं है। यहां कोई छोटी-मोटी बात नहीं है, यह बहुत बड़ी बात है और हम बहुत खुशकिस्मत हैं कि हम, हमारे जैसा इस पूरे सृष्टि में कोई भी नहीं है। इसलिए स्वयं को देखकर हँसना और परमपिता परमेश्वर को धन्यवाद व्यक्त करना चाहिए। हम लोग बाहर देखते हैं। मैं बोलता हूं, आप लोग अपने अंदर देखें। जैसे-जैसे हम अंदर देखने लगेंगे, वैसे-वैसे सचमुच की मुस्कुराहट और खुशी बाहर बिखरने लगेगी।
यहाँ सोचकर कि सुप्रीम पावर परमेश्वर की अनुकंपा बरस रही है और आपके शरीर के रोम-रोम आनंद और मस्ती से लबालब हो गया है। चेहरा एकदम खिला हुआ, शरीर के प्रत्येक अंग-प्रत्यंग जैसे आनंद से खिल रहे हों, ऐसे भाव। कुछ मत सोचिएगा, बस हँसिएगा। जब तक हँसते रहिएगा, जब तक आपके शरीर का अंग-अंग हँसने नहीं लगे।हँसता हुआ ध्यान कीजिए, खिलखिलाता हुआ ध्यान।