DJJS 6th day जब दिव्य गुरु पथ प्रदर्शन करते हैं

DJJS 6th day जब दिव्य गुरु पथ प्रदर्शन करते हैं तो जीवात्मा व परमात्मा के मध्य एक अलौकिक सम्बन्ध स्थापित होता है – साध्वी दीपिका भारती

 

 जब दिव्य गुरु पथ प्रदर्शन करते हैं तो जीवात्मा परमात्मा के मध्य एक अलौकिक सम्बन्ध स्थापित होता हैसाध्वी दीपिका भारती

DJJS 6th day जब दिव्य गुरु पथ प्रदर्शन करते हैं
DJJS 6th day जब दिव्य गुरु पथ प्रदर्शन करते हैं

 

अंतर्जगत में प्राप्त करें श्रीराम का जागरण और स्वयं करें अहंकार विकार रूपी भीतरी रावण का वध

 

 जब परमात्मा स्वयं अवतार धारण करके आते हैं तो निष्पक्ष होकर सभी की नैया पार लगाते हैंसाध्वी दीपिका भारती

 

जयपुर: जयपुर स्थित हाउसिंग बोर्ड लैंड, वी.टी. रोड, मानसरोवर में सात दिवसीय भव्य श्री राम कथा का कार्यक्रम चल रहा था। यह समागम श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्ग दर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसका वाचन श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या विश्व विख्यात कथाव्यास साध्वी सुश्री दीपिका भारती जी कर रही हैं। छटे दिवस की काथरस में कथाव्यास जी ने कहा, “प्रभु श्री राम के दिव्य पथ प्रदर्शन में वानरों और रिक्शों ने ऐसा विलक्षण कार्य सिद्ध कर दिखाया जो आधुनिक युग का बड़े से बड़ा समृद्ध व्यक्ति भी नहीं कर सकता। वानरों और रिक्शों से अभिप्राय है समाज का वह वर्ग जिसके पास सुविधाओं, अधिकारों तथा अवसरों का सर्वदा ही अभाव हुआ करता है। अर्थात, जब परमात्मा स्वयं अवतार धारण करके आते हैं तो निष्पक्ष होकर सभी की नैया पार लगाते हैं।”

DJJS 6th day जब दिव्य गुरु पथ प्रदर्शन करते हैं
DJJS 6th day जब दिव्य गुरु पथ प्रदर्शन करते हैं

 

अंत में धर्म की स्थापना हेतु रावण के वध की गाथा के प्रसंग पर प्रकाश डाला व उसके आध्यात्मिक रहस्यों को उद्घाटित किया। साध्वी जी ने बताया कि रावण अहंकार का प्रतीक है, जो मनुष्य के भीतर आज भी वास करता है।  यदि हम चाहते हैं कि हमें इस विकार से मुक्ति मिले तो ज़रूरत है कि हमारे अंतर्जगत में श्री राम का जागरण हो जाए। जब पूर्ण गुरु जीवन में आते हैं तब वे मनुष्य को ब्रह्मज्ञान प्रदान करते है, और जीवात्मा का ईश्वर से शाश्वत मिलन करा देते हैं। मनुष्य के भीतर राम के प्रकटीकरण से ही रावण रुपी अहंकार का विनाश संभव है।

 

कथाव्यास जी ने आधुनिक वर्ग द्वारा निरंतर श्रीराम पर लगाये जाने वाले आक्षेपों का विरोध करते हुए कहा “श्रीराम पुरुषों में उत्तम हैं।  श्रीराम के जीवन से हमें आदर्श जीवन प्रणाली की शिक्षा मिलती है। श्रीराम आज भी शक्ति रूप में इस ब्रह्माण्ड के कण-कण में और मानव की चेतना में रमण करते हैं, परन्तु सुषुप्तावस्था में। यही कारण है कि हम उनकी दिव्य लीलाओं को समझने में असमर्थ हैं।  परन्तु यदि गुरु कृपा द्वारा उस राम शक्ति का जागरण हो जाये तो हर मानव इस कलियुग में भी अपने wrong actions को तिलांजलि दे सकता है और right actions की ओर बढ़ सकता है।”

 

 

 

मंच पर आसीन गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के संगीतज्ञ शिष्य-शिष्याओं द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण भजनों को सुन, सभी श्रद्धालु झूम उठे।

 

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान श्री आशुतोष महाराज जी की अध्यक्षता में चल रही एक सामाजिक आध्यात्मिक संस्थान है जिसका ध्येय है आध्यात्मिक जागृति द्वारा विश्व में शांति की स्थापना करना। इसी हेतु संस्थान द्वारा देश भर में समाज कल्याण के प्रकल्प चलाये जा रहे हैं – नशा मुक्ति के लिए बोध प्रकल्प, अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षार्थ मंथन प्रकल्प, महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु संतुलन प्रकल्प, पर्यावरण संरक्षण हेतु संरक्षण प्रकल्प, गो संरक्षण, संवर्धन एवं नस्ल सुधार हेतु कामधेनु प्रकल्प, समाज के सम्पूर्ण स्वष्ट्य हेतु आरग्य प्रकल्प, आपदा प्रबंधन हेतु समाधान प्रकल्प तथा नेत्रहीनो, अपाहिजों के सशक्तिकरण हेतु अंतर्दृशी के साथ साथ जेल के कैदी बंधुओं के लिए अंतरक्रांति प्रकल्प इत्यादि। कथा प्रांगण में इन प्रकल्पों में चलते प्रयासों की फोटो प्रदर्शनी के साथ साथ अभावग्रस्त वर्ग तथा विकलांगों, अपाहिजों, नेत्रहीनों और जेल के कैदयों द्वारा बनाए गयी सामाग्री जैसे की हर्बल साबुन, हीना, मोमबत्तियों इत्यादि के भी स्टॉल लगाए गए हैं। साथ ही संस्थान की आयुर्वेदिक फार्मेसी में बनाई गयी दवाइयाँ तथा देसी गाय का गो मूत्र, घृत इत्यादि भी स्टालों पर उपलब्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *