ऐडवोकेट अनिल त्रिपाठी पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के सवाल जवाब के कुछ अंश स्वामी यों हाजिर हो से।
प्र. स्वामी जी आपको एक नया यूट्यूब चैनल बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
उ. हमें अपने दिल और दिमाग को खुला रखना चाहिए, आज टेक्नोलॉजी का जमाना है और इस टेक्नोलॉजी से धर्म का प्रचार प्रसार हो सकता है तो क्यों ना हम इसका सदुपयोग करें जब हम आज मोबाइल और कारों का उपयोग कर रहे हैं तो सोशल मीडिया का क्यों नहीं।
प्र. जब आप भारतीयता की बात करते हैं और अपने अपने चैनल का नाम पश्चिमी रखा है यो ऐसा क्यों?
उ. यो शब्द संस्कृत से संबंध रखता है यो बना है जो से, जो ईश्वर है। वैसे मेरा संन्यास का नाम स्वामी योगेश्वरानंद है और एक शगुन रूप में एक बालिका ने मुझे कहा था कि स्वामी जी आप अपने चैनल का नाम यो ही रखना।
प्र. आपका व्यक्तिगत जीवन क्या था?
उ. वैसे तो नदियों का स्रोत और बाबाओ का गोत्र नहीं पूछा जाता फिर भी मेरी एक अकाउंटेबिलिटी है इसलिए मैं आपको बताता हूं। प्रोफेसर शर्मा ने मुझे स्वामी विवेकानंद से परिचय कराया और उनकी बहुत सी किताबें पढ़ने पर मेरा रुझान बढ़ा। रामकिशन मिशन के प्रेसिडेंट स्वामी भूतेशानंद मेरे गुरु रहे हैं। स्नातक होने के बाद, मै सन्यास लेना चाहता था परंतु घर की माली हालत सही नहीं होने के कारण मुझे अपने बड़े भाई का साथ व्यापार मिडिल ईस्ट में व्यापार संभालना पड़ा। मेरा जन्म सारस्वत कल में हुआ है और वही संस्कार मेरे अंदर आए हैं और हमारी परंपरा है, जैसे मेरे दादाजी भी संन्यासी रहे हैं मेरे पिताजी भी संन्यासी रहे हैं। मेरा जन्म महाराष्ट्र के कल्याण तालुका की छोटी सी जगह उल्हासनगर में हुआ है। मेरी पढ़ाई लिखाई आर के तनवेजा कॉलेज में होती है जो की महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी से एफिलेटेड है । मेक कॉमर्स ग्रेजुएट हूं पर मेरा टेंपरामेंट साइंस का है। मेरा स्वयं का एंबीशन था कि भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान को ज्वाइन कर देश सेवा करूं। और गुरु के आदेशों का पालन करते हुए मैं गृहस्थ से अब संन्यस्त हुआ हूं।
प्र. भगवा आतंकवाद में भी आपका नाम कहीं पर आया था और आप जेल भी गए?
उ. मुझे गर्व है की मैं इस केस में जेल गया हूं आपको यह हिंदुओं की मान मर्यादा और प्रतिष्ठा का केस है। अगर ये केस आप हटा दो तो 2014 में भारत की सरकार बीजेपी की सरकार नही बनती है। मैं मुस्लिम विरोधी नहीं हूं लेकिन जो मीडिया ने इसको पोट्रेट किया। कोर्ट ने उसको खारिज कर दिया है। मैं यूपीए सरकार 2 की बात कर रहा हूं। उन्होंने अपने निजी स्वार्थ के कारण हम लोगों को फसाया। आप पूछ सकते हैं कि मुझे क्यों फसाया? गुरु आदेशानुसार जब मैं जंगलों के विस्तार में काम करने के लिए आता हूं और मुंबई से नजदीक मास कन्वर्जन में काम हो रहा था। कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी चाहती थी कि वेटिकन के इशारे पर असीमानंद जी को रोका जाए। असीमानंद जी से कनेक्टिविटी जो है डांग और वलसाड नजदीक है। मैं सेवा देने के लिए जाने लगा। आने जाने से मेरा नाम बहुत हाईलाइट हुआ और उन्होंने क्रिश्चियनिटी को फैलाने के लिए, एक फर्जी बम कांडों का केस बनाया, और उनका के अंदर जो सारे राष्ट्र के समर्पित लोग थे हम 8-10 लोग जो भी थे उनको फसा करके 8 साल ऑफिशल्स व 8 महीने की अनऑफिशियल कस्टडी में भी रखा गया है। 9एजेंसियों ने मुझे इंट्रोगेट किया। मैं कितनी यातनाओ से मैं गुजरा हूं जिसका कभी मैंने कोई हमदर्दी या कभी कोई कंपनसेशन नही मांगा।
हिंदुस्तान के लगभग लगभग टॉप ऑफ द टॉप बेस्ट संत आते हैंl आप मान सकते मेरा जीवन बहुत मुश्किल हुआ।
शेष, अगले अंक में।