‘My University-Clean University’ program organized under Swachhta Pakhwada
Speaker while speaking in the program organized under Swachhta Pakhwada at Jaivibha University, Ladnun.
स्वच्छता पखवाड़े के तहत ‘मेरा विश्वविद्यालय-स्वच्छ विश्वविद्यालय’ कार्यक्रम आयोजित
लाडनूं के जैविभा विश्वविद्यालय में स्वच्छता पखवाड़े के तहत आयोजित कार्यक्रम में विचार रखते हुए वक्ता।
लाडनूं। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत ‘मेरा विश्वविद्यालय-स्वच्छ विश्वविद्यालय’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो.. बनवारीलाल जैन ने ‘आलोचनात्मक खोज विधि- एक चिंतन’ विषय पर छात्राओं को बारीकी से घर, विश्वविद्यालय, रोड व अन्य स्थानों के कचरे का विभाजन करने पर बल दिया। कौन सा कचरा कहां डालना चाहिए, इसके बारे में बताया। उन्होंने रोड पर मौजूद कचरा जैसे पॉलिथीन, पेड़ के पत्ते, सब्जियों के छिलके, कीचड़, बोतल, कप, कागज के टुकड़े आदि कूड़े-कचरे की आलोचना की। उन्होंने कार्यक्रम के बारे में बताया कि विश्वविद्यालय की साफ-सफाई केवल एक विशिष्ट व्यक्ति का कार्य नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों, शिक्षकों और समुदाय का भी नैतिक दायित्व है। प्रो. जैन ने प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक छात्रा को प्रतिदिन एक घंटा तथा सप्ताह में न्यूनतम एक दिन अपने घरों, गली मोहल्लों में स्वच्छता अभियान चलाना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए कि वे सार्वजनिक स्थलों में कूडा व गंदगी न फैलाएं। उन्होंने गंदगी को साफ करने के लिए गंदे कपड़े का प्रयोग करने की आलोचना की और सही मायने में कचरा किसे कहते हैं, इसके बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर कार्यक्रम के स्थान पर मौजूद कचरे की आलोचना छात्राओं से करवाई गई। छात्राओं से स्वच्छता संबंधित प्रश्न पूछे गए। जिनके जवाब छात्रा ललिता बिडियासर, साक्षी, भूमिका जांगिड़, सीमा, सुमन मीणा, कमला डांवर, संगीता डागर, मंजू आदि ने सफलता पूर्वक दिए। कार्यक्रम में छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। छात्राओं ने बताया कि अव्यवस्था के कारण अस्वच्छता को बढ़ावा मिलता है। इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक डॉ. विष्णु कुमार ने युवाओं को देश का भविष्य बताते हुए ‘मेरा विश्वविद्यालय-स्वच्छ विश्वविद्यालय’ कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
नवरात्रों में रामचरितमानस का नवाह्न परायण।