राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी द्वारा काव्य महागोठ और परिचय पोथी विमोचन कार्यक्रम
Kavya Mahagoth and introduction book release program by Rajasthan Braj Bhasha Academy
जयपुर। राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के जयपुर परिसर में रविवार को अकादमी द्वारा काव्य महागोठ और परिचय पोथी विमोचन का कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर ब्रज भाषा से जुड़ाव और लगाव रखने वाले शहर के भाषा प्रेमी सम्मिलित रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राजस्थान लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष बिनाका जेश मालू और मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार के विशेषाधिकारी फारुख आफ़रीदी शामिल हुए। इस समारोह की अध्यक्षता राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा द्वारा की गई।
इस कार्यक्रम में ब्रज भाषा के कवियों ने अपनी प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। ब्रज भाषा के साहित्य और महापुरुषों की जीवनियों पर एक पुस्तक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजीव अरोड़ा ने अपने सम्बोधन में कहा कि ब्रजभाषा पिछले छह – सात दशकों से काव्य की प्रमुख भाषा रही है। भक्तियुग के प्रमुख कवि रसखान, तुलसीदास, कबीरदास, जायसी आदि सभी ने जन भाषा में अपने साहित्य की रचना की थी। राजीव अरोड़ा ने कहा कि ब्रज भाषा हमारी समृद्ध संस्कृति की प्रतीक है, यह प्रेम और सौहार्द की भाषा है; हमें इसका संरक्षण तो करना ही है, इसी के साथ संवर्धन भी करना है।
राजीव अरोड़ा ने बताया कि पश्चिमी हिंदी की प्रमुख बोलियों में ब्रजभाषा का महत्वपूर्ण स्थान रहा है और आगे भी रहेगा। अपनी साहित्यिक समृद्धि के कारण ब्रजभाषा को मध्यकाल की काव्य भाषा के रूप में प्रतिष्ठा मिली, तथा अपनी विकासमान प्रकृति के कारण एक समय पर यह सम्पूर्ण उत्तर भारत की प्रमुख भाषाओं में स्थान रखती थी। भारतीय संस्कृति की जीवंतता की प्रशंसा करते हुए राजीव अरोड़ा ने कहा कि दुनिया में हमारी संस्कृति जितनी जीवंत कोई संस्कृति नहीं है, क्योंकि हम भारतीयों ने इसे अपनी जड़ों से जुड़े रहकर जीवंत बनाए रखा है।