महंगाई की मार झेल रहे लोगों को आने वाले कुछ महीनों में बड़ी राहत मिल सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने दावा किया है कि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही (अक्टूबर से मार्च के बीच) में महंगाई दर में गिरावट आने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंक महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सभी तरह के मौद्रिेक उपाय करना जारी रखेगा। फिलाहल ग्रोथ को लेकर अच्छे संकेत दिख रहे हैं।
कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में बोलते हुए दास ने कहा कि मौजूदा समय में आपूर्ति का नजारा काफी बेहतर नजर आ रहा है। सभी संकेतक 2022-23 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। हमारा आकलन है कि वर्तमान में मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम हो सकती है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका लगने की आशंका कम हो जाएगी। दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने अपनी अप्रैल और जून की बैठकों में 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति दर में बदलाव कर उसे 6.7 फीसदी कर दिया है। मई में थोक महंगाई दर 15.88 प्रतिशत रही थी। वहीं, अप्रैल के महीने में ये 15.08 फसदी थी। साल 2012 के बाद पहली बार महंगाई दर इस स्तर पर पहुंची है। मई में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी थी।
Reserve Bank of India Governor Shaktikanta Das has claimed that the inflation rate is expected to decline in the second half of the financial year 2022-23 (between October and March). The central bank will continue to take all monetary measures to control inflation. For the time being, there are good signs regarding growth.
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