हाईकोर्ट ने खारिज की 19 याचिकाएं
पूर्व मंत्री भाया व अन्य के खिलाफ 19 एफआइआर रद्द नहीं
जयपुर हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव के बाद पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया और उनके समर्थकों के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज 19 मामलों में राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाओं में किसी पर दुर्भावना का आरोप नहीं है। ऐसे में सभी एफआइआर की जांच भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी से कराने की प्रार्थना भी नहीं मानी जा सकती। याचिकाकर्ताओं को किसी विशेषाधिकार का लाभ नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने अनुसंधान अधिकारियों को निष्पक्ष जांच करने का आदेश दिया, वहीं इन मामलों की
High Court dismissed 19 petitions, 19 FIRs against former minister Bhaya and others not quashed
जांच में सहयोग के लिए याचिकाकर्ताओं को 10 दिन के भीतर हाजिर होने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश समीर जैन ने प्रमोद जैन व अन्य की 19 याचिकाओं को खारिज करते हुए गुरुवार को यह आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता माधव मित्रा ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के प्रभाव में राजनीतिक द्वेषता से एफआइआर दर्ज कराई गई। इनकी बारां-झालावाड़ जिले से बाहर पदस्थापित आइपीएस से संयुक्त रूप से जांच कराई जाए। एएजी मनोज शर्मा ने कहा कि अवैध खनन, नगर निगम के फर्जी दस्तावेज, फर्जी पट्टा आदि के आरोप होने के कारण संयुक्त जांच संभव नहीं है।