(द्वितीया) चंद्रदर्शन पौराणिक और ज्योतिषीय महत्त्व

चाँद देखने से होगा बेड़ा पार चंद्रदर्शन महत्त्व Lunar Vision Mythological and Astrological Significance

(द्वितीया) चंद्रदर्शन पौराणिक और ज्योतिषीय महत्त्व
〰️〰️?〰️〰️?〰️〰️?〰️〰️?〰️〰️
चंद्रदर्शन का पौराणिक काल से हिंदु धर्म में काफी महत्व रहा है क्योंकि चद्रंमा को देवता समान माना जाता है। चंद्र दर्शन का अर्थ चन्द्रमा का दर्शन करना। इसे चंद्र दर्शन इसलिये कहा जाता है क्योंकि इसे प्रायः अमावस्या के बाद की द्वितीया के दिन देखा जाता है। भगवान शंकर की जटाओं में भी द्वितीया का चंद्र विराजमान होने से इसका आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से महत्त्व बढ़ जाता है।

क्या करते हैं इस दिन
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन एक बहुत ही आवश्यक महत्व रखता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन का एक धार्मिक महत्व है। इस विशेष दिन भगवान चंद्रमा की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना बहुत ही फलदायी होता है। साथ-ही-साथ इसे भाग्यशाली और समृद्धि का घोतक भी माना जाता है।

चंद्र दर्शन को हिंदुं धर्म में भगवान चंद्रमा की तरह माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से घर में सुख-शांति व स्मृद्धि आती है और अन्य देवता भी प्रसन्न होते हैं। भगवान चंन्द्रमा की पूजा घर में सफलता और सौभाग्य लाती है।

चंद्र दर्शन से संबंधित अनुष्ठान
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
कई प्रांतों खासकर दक्षिण भारतीय महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं ताकि अपने पति और बच्चों की लंबी उम्र के लिये ईश्वर का आशीर्वाद मिल सके। इस दिन हिंदू संस्कृति से जुड़े लोग चंद्रमा देव की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता हैं। चंद्र देव जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे मन से उपवास भी रखा जाता है। उपवास के दौराना भक्त पूरे दिन किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण नहीं करते हैं। चांद दिखने के बाद ही उपवास समाप्त किया जाता है और साथ ही पूरी श्रद्धा भाव के साथ प्रार्थना की जाती हैं
ऐसा माना जाता है चंद्रमा की पूजा करना बहुत ही अधिक शुभ होता है और घर में सौभाग्य और समृद्धि लेकर आती है। इस दिन दान देने को बहुत ही अधिक अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही ब्राह्मणों को चीनी,चावल और सफेद कपड़े दान करना और भी अधिक अच्छा माना जाता हैं।

चन्द्र दर्शन का महत्व
〰️〰️〰️〰️〰️〰️चांद को देवता समान उपाधि दी गई है। इसके अतिरिक्त चंद्रमाको नौ ग्रहों में से एक बहुत ही विशेष माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा का पृथ्वी पर मनुष्यों जीवन पर एक बहुत ही विशेष प्रभाव होता है। चंद्र दर्शन करने से और इस दिन व्रत करने से सभी प्रकार की नकारात्मकता से छुटकारा मिलता है। जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। इस विशेष दिन पर भगवान चंद्रमा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में पवित्रता और ज्ञान का अद्भुद् संचार होता है। जीवन में नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। व्रत के दौरान चंद्र मंत्रों का जाप किया जाता है ताकि अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सके।

स्वास्थय के लिये भी लाभदायक
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
चंद्र दर्शन का ना केवल धार्मिक महत्व होता है बल्कि यह शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक है। ऐसा कहा जाता है इस दिन उपवास रखने से मानव शरीर में वात, पित्त और कफ के तत्वों में अच्छा संतुलन पैदा होता है ताकि रोग ना हो। यानि चंद्र दर्शन स्वास्थय के संबंध में भी काफी लाभदायक है।

ज्योतिष शास्त्र में चन्द्र दर्शन
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
इस दिवस की गणना चुनौतीपूर्ण होती है। क्यूँकि, इस दिन सूर्यास्त के तत्काल बाद चन्द्रमा मात्र कुछ समय के लिए ही दिखाई देता है। चन्द्र दर्शन वाले दिन चन्द्रमा और सूर्य दोनों समान क्षितिज पर स्थित होते हैं इस कारण चन्द्र दर्शन सूर्यास्त के बाद ही सम्भव होता है, जब चन्द्रमा स्वयं ही अस्त होने वाला होता है।

द्वितीया तिथि चंद्रमा की दूसरी कला है। इस कला का अमृत कृष्ण पक्ष में स्वयं सूर्यदेव पी कर स्वयं को ऊर्जावान रखते हैं व शुक्ल पक्ष में पुनः चंद्रमा को लौटा देते हैं।

यदि किसी जातक की जन्मपत्री में चंद्रमा नीच का है तो उसे गुस्सा जल्दी आता है इस कारण जातक मानसिक तनाव में रहता है. ऐसे लोगों की मां को भी कई परेशानियां होती हैं साथ ही पैसा भी पानी की तरह खर्च होता है. ऐसे लोग यदि इस दिन चंद्र भगवान की पूजा-अर्चना कर उनके दर्शन करते हैं तो उन्हें कई प्रकार के मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है और उनपर मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।

शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान शंकर गौरी के समीप होते हैं, अतः शिवपूजन, रुद्रभिषेक, पार्थिव पूजन व विशेष रूप से चंद्र दर्शन व पूजन अति शुभ माना गया है। चंद्र दर्शन हर महीने अमावस्या के बाद जब पहली बार चंद्रमा आकाश पर दिखता है उसे चंद्र दर्शन कहते है। शास्त्रनुसार इस समय चंद्र दर्शन करना अत्यंत फलदायक होता है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार चंद्रमा मन व ज्ञान का स्वामी माना जाता है। कुंडली में अशुभ चंद्रमा होने से मानसिक विकार, माता को कष्ट, धन हानि की संभावना रहती है। अतः दूज पर चंद्र दर्शन और विधिवत चंद्रदेव के पूजन से मानसिक शांति व स्थिरता, धन लाभ, माता को स्वास्थ्य लाभ व ज्ञान में वृद्धि मिलती है। साथ ही सौभाग्य व संपत्ति की प्राप्ती होती है।

पूजन विधि:? संध्या के समय चंद्र देव का दशोपचार पूजन करें। गौघृत का दीपक करें, कर्पूर जलाकर धूप करें, सफेद फूल, चंदन, चावल, व इत्र चढ़ाएं, खीर का भोग लगाएं व पंचामृत से चंद्रमा को अर्घ्य दे तथा सफेद चंदन की माला से 108 बार इस विशिष्ट मंत्र जपें। पूजन के बाद भोग किसी स्त्री को भेंट करें।

चंद्र दर्शन मुहूर्त: शाम 09:35 से शाम 10:01 तक।

पूजन मंत्र: ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात॥

उपाय
〰️〰️
मानसिक विकार से मुक्ति हेतु जल में अपनी छाया देखकर चंद्र देव पर चढ़ाएं।

माता के स्वास्थ्य में सुधार के लिए चंद्र देव पर चढ़ी शतावरी माता को भेंट करें।

सौभाग्य की प्राप्ति के लिए चंद्र देव पर चढ़ा चांदी का सिक्का तिजोरी में रखें।

नवरात्रों में रामचरितमानस का नवाह्न परायण।

भगवान श्री राधा गोविंद देव जी एवं गौ माता की असीम कृपा से दिनांक 26.9.2022 से 4.10.2022 तक पिंजरापोल गौशाला में कथावाचक श्री प्यारे मोहन हल्दिया के श्री मुख से रामचरितमानस का नवाह्न पारायण किया जाएगा। जिसमें प्रथम 3 दिन गौ कथा एवं अंतिम 6 दिन नानी बाई का मायरा की कथा भी होगी। कथा समय प्रातः 6:30 से 12:30 एवं सायकाल 3:30 से 6:30 है।

Videos see on Face Book : Preparations for Deshnok and Mukam including parking, traffic, security जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने देशनोक एवं मुकाम मेलों की तैयारियों का लिया जायजा पार्किंग, ट्रैफिक, सुरक्षा व्यवस्था और प्रवेश-निकास सहित सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखने के दिए निर्देश

योगाचार्य ढाकाराम का दिल्ली में सार्वजनिक सम्मान, Yogacharya Dhakaram gets public honour in Delhi.

पेट की बीमारियों का समाधान ( उषापान ) ! Yogacharya Dhakaram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *