जीवन में नकारात्मकता नहीं आने दें एवं शालीन बने रहें- कुलपति प्रो. दूगड़
शिक्षा विभाग में शुभ भावना कार्यक्रम का आयोजन
जैविभा में शुभ भावना समारोह में सम्बोधित करते कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, उपस्थित छात्राध्यापिकाएं व शिक्षक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए छात्रा।
लाडनूं। जैन विश्वभारती संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने यहां महाप्रज्ञ-महाश्रमण ऑडिटोरियम में आयोजित शुभभावना समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने सम्बोधन में छात्राओं के लिए उनके भावी जीवन में सफलता प्राप्ति सम्बंधी विभिन्न सूत्र बताए तथा कहा कि नैतिकता व चरित्र-निर्माण जहां इस संस्थान का ध्येय है, वहीं इसे जीवन भर अपनाए जाने और जन-जन तक इसका संदेश पहुंचाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुरूजनों से प्राप्त ज्ञान को आत्मसात् करके उसका भावी पीढ़ी में संचारित करें, तकनीकी के वैकल्पिक साधनों का ज्ञानप्राप्ति तथा ज्ञान के प्रसार में निरंतर उपयोग करें। कभी भी नकारात्मक को कभी अपने जीवन में नहीं आने दें तथा कृष्ण की भांति विनम्र, क्षमावान तथा शालीन बनने का प्रयास करें। इस अवसर पर उन्होंने हिन्दी दिवस की शुभकामनाओं के साथ छात्राओं के उज्जवल भविष्य की मंगलकामनाएं दी। यह शुभ भावना कार्यक्रम जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग के अन्तर्गत बीएड के चतुर्थ सेमेस्टर तथा बीएससी-बीएड एवं बीए-बीएड अवटम सेमेस्टर की छात्राध्यापिकाओं के लिए आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन से शुभभावनाएं देते हुए कहा कि जीवन में सफलता हेतु सर्वप्रथम लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए योजनाबद्ध एवं कठोर परिश्रम करें तो सफलता मिलना सुनिश्चित है। प्रो. जैन ने कोरोना काल में भी विद्यार्थियों को लाभान्वित करने वाली संस्थान द्वारा प्रदत्त विभिन्न सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम का प्रारम्भ सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण से किया गया। इस अवसर पर अतिथियों के स्वागत के लिए संगान किया गया। छात्रा मोनिका जोशी ने गणेश-वन्दना प्रस्तुत की। छात्रा प्रीति राजपुरोहित ने अपने अनुभव साझा किये। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि आचार्य कालू कन्या महाविद्यालयके प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी थे। डॉ. मनीष भटनागर, डॉ. भाबाग्रही प्रधान, डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. अमिता जैन, डॉ. सरोज राय, डॉ. आभा सिंह, डॉ. गिरिराज भोजक, डॉ. गिरधारीलाल शर्मा, प्रमोद ओला, प्रगति चौरडिया आदि संकाय सदस्य एवं समस्त विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। अंत में डॉ. आभा सिंह ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन संचालन स्मृति एवं साक्षी ने किया।
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