सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) अब पाकिस्तान और चीन बॉर्डर के दूरस्थ तथा दुर्गम इलाकों की सड़कों पर कैफे भी खोलेगा। इन्हें बीआरओ कैफे कहा जाएगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन 75 लोकेशन पर कैफे खोलेगा।
अंतरराष्ट्रीय सीमा के इलाके में कमर्शियल एक्टिविटी को बढ़ाने और पर्यटकों को सुविधा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इससे बॉर्डर के इलाके में रहने वाले लोगों के लिए रोजगार के मौके भी पैदा होंगे। अभी तक बीआरओ की पहुंच बॉर्डर के दूरस्थ इलाकों तक है।
बीआरओ सेना की सामरिक जरूरतें पूरी करने के साथ चीन और पाकिस्तान बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए भी काम कर रहा है। इससे ऐसे इलाके, जो पहुंच से बाहर माने जाते थे, वहां भी पर्यटक पहुंच रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक बॉर्डर इलाकों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और कठिन मौसम में पर्यटकों को सुविधा देने के लिए कैफे पीपीपी मॉडल पर बनेंगे।
यहां खोले जाएंगे कैफै
बीआरओ 75 कैफे में से 19 अरुणाचल प्रदेश, 12 जम्मू-कश्मीर, 14 लद्दाख, 11 उत्तराखंड, 7 हिमाचल प्रदेश, 5 राजस्थान, 2 असम, और 1-1 नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, मणिपुर व पश्चिम बंगाल में खोलेगा।
ये सुविधाएं होंगी
सीमावर्ती इलाकों में कैफे के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। यह 15 साल के लिए होगा। इसे 5 साल बढ़ाया जा सकता है। बीआरओ कैफे में पार्किंग, फूड प्लाजा, रेस्ट रूम और मेडिकल रूम की सुविधा होगी।
सैन्य पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी भारतीय सेना सैन्य पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। यही वजह है कि लेह में सियाचिन में भी अब एक स्तर तक जाने की इजाजत दी जा रही है। सिक्किम जैसे कई इलाकों में सेना पहले से ही कैफे चला रही है।
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