1 नवंबर सेे लाभ लेने के लिए अंतिम मौका

सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों कोे अस्पताल पहुंचाने पर नौ भले व्यक्तियों को 45 हजार रूपए का भुगतान

सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों कोे अस्पताल पहुंचाने पर नौ भले व्यक्तियों को 45 हजार रूपए का भुगतान

मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना

चिकित्सा विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा

गंभीर घायल को अस्पताल पहंुचाने पर राज्य सरकार की ओर से दिए जाते हैं पांच हजार रूपए

सीकर, 3 जून। सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाने वाले जिले के नौ नागरिकों को चिकित्सा विभाग की ओर से पुरस्कार के रूप में पांच-पांच हजार रूपए की राशि उपलब्ध करवाई है। विभाग की ओर से राज्य सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत नौ व्यक्ति के बैंक खाते में 45 हजार रूपए जमा करवाए गए हैं।

सीएमएचओ डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव के पिता सतपाल यादव, गुढा खुर्द अजमेर के ओमप्रकाश कीर, दीवास फतेहपुर के भंवरलाल सैनी, जालेउ फतेहपुर के मोहनराम, श्रीमाधोपुर क्षेत्र के राजेश कुमार निठारवाल तथा नेतराम ने सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया था। इस पर उनके बैंक खाते में पांच-पांच हजार रूपए की राशि जमा करवाई गई। वहीं भादवाड़ी खण्डेला के पूरनमल, अठबिघा रामपुरा के विष्णुकमार शर्मा, दांतारामगढ के दूदवा गांव के जयन्त निठारवाल के द्वारा सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाया था। इस पर उनके खाते में भी पांच-पांच हजार रूपए की राशि जमा करवाई जाने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई और इनका प्रस्ताव बनाकर कोष कार्यालय में भेजा जा चुका है।

आठ व्यक्तियों को दिए जाएंगे प्रशस्ति पत्र

उन्होंने बताया कि इसके अलावा सड़क दुर्घटना के सामान्य घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर कोटडी लुहारवास के हरीप्रसाद कुमावत, भागीरथ जाखड, नांगल के नेमीचंद सैनी, बरसिंगपुरा के राजेश मिठारवाल, नीमकाथाना छावनी के सतीश सैनी, महवा के सतपाल सिंह, रमेश गुर्जर, संदीप सैनी को चिकित्सा विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत चिकित्सा विभाग की ओर से गंभीर घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाकर जीवन बचाने वाले भले व्यक्ति को पांच हजार रूपए एवं प्रशस्ति पत्र देने का प्रावधान है। दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय से राज्य के सरकारी व निजी अस्पताल में पहुंचाया जा सकता है। अस्पताल पहुंचाने वाले भले व्यक्ति को योजना का लाभ देने के लिए स्वैच्छा से अपना नाम, उम्र, लिंग, पता, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र एवं बैंक खाता संख्या बताना होगा। चिकित्सा विभाग द्वारा उक्त पुरस्कार राशि बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी। सामान्य घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले भले मददगार व्यक्ति को योजना के तहत प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। एक दुर्घटना में एक से अधिक भले व्यक्ति होने की स्थिति में सभी को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि समान रूप से विभाजित कर दी जाएगी।

मददगार को अस्पताल में रूकने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि भले व मददगार व्यक्ति घायल को किसी भी पंजीकृत सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल में लेकर जा सकता है, उसे अस्पताल में रूकने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। वहीं पंजीयन या भर्ती खर्चों के भुगतान की मांग नहीं कर सकता, जब तक कि वह घायल व्यक्ति के परिवार के सदस्य या सगे संबंधी नहीं हो तो। वहीं अस्पताल उस व्यक्ति से अपना नाम एवं व्यक्तिगत विवरण देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। यदि कोई गुड सेमेरिटन चाहे तो घायल की मदद के लिए उसे अस्पताल द्वारा प्रोत्साहन के रूप में प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएगा। सडक दुर्घटना से संबंधित आपातकालीन परिस्थिति में प्रत्येक चिकित्सक चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करेगा, ऐसा नहीं करने की स्थिति में उस चिकित्सक एवं अस्पताल के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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