विश्व शांति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
फोटो सं. 1 से 3: केप्शन: लाडनूं में विश्व शांति दिवस पर एसडीएम गढवाल का सम्मान करते हुए कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, मंचस्थ अतिथिगण तथा कार्यक्रम में उपस्थित लोग।
लाडनूं। अन्तर्राष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर यहां जैन विश्वभारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग के तत्त्वावधान में सेमिनार हाॅल में विश्वशांति दिवस कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपखण्ड अधिकारी अनिल कुमार गढ़वाल ने मानवता, भ्रातृत्व-भाव व प्रेम को शांति का प्रमुख सूत्र बताते हुए जीवन में मानवीयता व इंसानियत को महत्त्व देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास के नकारात्मक वातारण को समाप्त कर ही हम शांति को स्थापित कर सकते हैं। कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि वर्तमान दौर में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों के बावजूद सम्पूर्ण पृथ्वी पर अशांति का वातावरण व्याप्त है एवं अशांति की आशंकाएं निरन्तर बनी हुई हैं। उन्होंने अशांति के कारणों पर चर्चा करते हुए कहा कि संघर्ष, सत्ता की लालसा, योग्यतम बनने की चाह के साथ व्यवस्थागत, धार्मिक एवं जातिगत संघर्ष आदि इसके मूल कारण हैं। प्रो. दूगड़ ने शांति की अवधारणा प्रस्तुत करते हुए शांति के स्थायित्व हेतु एकाकी जीवन के बजाय अनेकान्त की व्यापकता को जरूरी बताया। प्रो. दूगड़ ने कहा कि आज सबसे अधिक आवश्यकता है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने वैयक्तिक प्रयासों के प्रति भी सजग बने, इससे ही समुदाय, धर्म, प्रकृति आदि के बीच शांति स्थापित हो सकेगी।
शांति प्रयासों में विशिष्ट प्रयेाग रही अहिंसा यात्रा
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि शहर काजी मोहम्मद मदनी अशरफी ने साम्प्रदायिक सौहार्द एवं विश्वशांति के सन्दर्भ में अपने विचार रखे। संस्थान के विशेषाधिकारी प्रो. नलिन के. शास्त्री ने भगवान महावीर, आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ के शांति अवदानों को मानवता के लिए वरदान बताते हुए संस्थान अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण की अहिंसा-यात्रा को शांति के प्रयासों में एक विशिष्ट प्रयोग बताया। छात्रा हेमकंवर ने कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारम्भ छात्रा कल्पना सोनी व निशा पारीक द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से किया गया। इससे पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. रविन्द्रसिंह राठौड़ ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। अतिथियों का स्वागत प्रो. बी.एल. जैन, प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी, डाॅ. बलवीर सिंह आदि ने किया। इस अवसर पर अणुवच्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद, व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील पीपलवा, रमेश गौड़ सहित नगर के गणमान्यजन, समस्त संकाय सदस्य एवं छात्राएं उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन अहिंसा एवं शांति विभाग की सहायक आचार्या डाॅ. लिपि जैन ने किया एवं अंत में आभार ज्ञापन डाॅ. बलवीर सिंह ने किया।
Videos see on Face Book : Preparations for Deshnok and Mukam including parking, traffic, security जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने देशनोक एवं मुकाम मेलों की तैयारियों का लिया जायजा पार्किंग, ट्रैफिक, सुरक्षा व्यवस्था और प्रवेश-निकास सहित सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखने के दिए निर्देश
योगाचार्य ढाकाराम का दिल्ली में सार्वजनिक सम्मान, Yogacharya Dhakaram gets public honour in Delhi.
पेट की बीमारियों का समाधान ( उषापान ) ! Yogacharya Dhakaram
By Yogaguru Dhakaram Founder Yogapeace Ekamyoga to see video click on links
How To Bend Properly In Sidewise(Konasana)! Yogacharya Dhakaram
Leave a Reply
Logged in as admin. Log out? Required fields are marked *
Comment *
Post navigation
Previous Previous post: Hindi Diwas special समूचा विश्व है हिन्दी सीखने को लालायित- प्रो. त्रिपाठी,The whole world is eager to learn Hindi
Next Next post: What’s the right way to stand? Yoga Guru Dhaka Ramjiखड़े रहने का सही तरीका क्या है? योग गुरु ढाका राम जीl
Dharm Sandesh
Health & Fitness
Home
Lifestyle
Music
News
Photography
Sport
Technology
Travel
Vishv Samachar