विद्युत उत्पादन निगम के पांच तापीय विद्युतगृहों में 1620 मेगावाट विद्युत उत्पादन आरंभ,
दस दिनों से औसतन 22.8 रैक कोयले की प्रतिदिन आपूर्ति-एसीएस, ऊर्जा
विशेष प्रयासों से एनटीपीसी की दादरा यूनिट से 179 मेगावाट विद्युत आपूर्ति आरंभ
विद्युत आपूर्ति की नियमित मोनेटरिंग, निर्बाध विद्युत आपूर्ति
जयपुर, 26 मार्च। राज्य विद्युत उत्पादन निगम की कोयला की कमी के कारण एक भी यूनिट बंद नहीं है। तकनीकी कारणों से बंद इकाइयों में से 1120 मेगावाट क्षमता की तीन इकाइयों में शनिवार सुबह विद्युत उत्पादन आरंभ हो गया हैं, वहीं 500 मेगावाट क्षमता के दो तापीय विद्युत गृहाें में शनिवार रात तक विद्युत उत्पादन आरंभ हो जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि समग्र प्रयासाें से राज्य में विद्युत आपूर्ति को सामान्य स्तर पर पहुंच चुकी है। शनिवार को विशेष परिस्थितियों में ही ग्रामीण क्षेत्र में आधे घंटे बिजली कटौती की संभावना है वहीं ऎसे प्रयास किए जा रहे हैं कि रविवार को प्रदेश में बिजली की कटौती की संभावना न हो।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत व ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी बिजली की उपलब्धता पर नजर रखे हुए हैं। कोयला संकट के प्रति मुख्यमंत्री की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि गुरुवार 25 मार्च को ही मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी व अधिकारियों के साथ रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से राज्य को आवंटित कोल ब्लॉक्स में कोयला खनन की अनुमति शीघ्र जारी कराने के लिए सकारात्मक चर्चा की है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत के निर्देशों से केन्द्र सरकार से उच्च स्तर पर समन्वय बनाते हुए शनिवार को ही एनटीपीसी की दादरी इकाई से 179 मेगावाट विद्युत की अतिरिक्त आपूर्ति आरंभ करवाई गई है। राज्य में तकनीकी कारणों से बंद इकाइयों मेंं बिजली का उत्पादन जल्द से जल्द शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। शनिवार को ही पांच इकाइयों मेें उत्पादन शुरू करवाया गया है। उन्होंने बताया कि अड़ानी की कवाई की दोनों इकाइयों मेें उत्पादन हो रहा है। इसी तरह से राजवेस्ट की 8 इकाइयों मेें से 5 इकाइयों में उत्पादन जारी है और तकनीकी कारणों से बंद 3 इकाइयों में भी जल्दी ही उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में कोल ब्लॉक्स से कोयला की आपूर्ति को बनाए रखने के समग्र व समन्वित प्रयासोें का ही परिणाम है कि पिछले दस दिनों से राज्य में कोल इंडिया व केप्टिव माइन से औसत 22.8 रैक प्रतिदिन आपूर्ति हो रही है। उन्होंने बताया कि 23 मार्च को अधिकतम 27 रैक की आपूर्ति हुई वहीं 25 मार्च को 22 रैक रवाना हुई है। उन्होंने बताया कि कोयला की आपूर्ति में व्यवस्था को बनाए रखने के साथ ही प्रदेश मेें निर्बाध विद्युत आपूर्ति के प्रयास किए जा रहे हैं।
चेयरमैन डिस्काम्स श्री भास्कर ए सावंत ने बताया कि राज्य में स्थापित नवेली निग्नाइट की 250-250 मेगावाट की दो इकाइयों में से एक में उत्पादन हो रहा है और दूसरी इकाई में भी मंगलवार तक पुनः उत्पादन शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी श्री आरके शर्मा ने बताया कि राज्य विद्युत उत्पादन निगम की सूरतगढ़ की दो और कोटा की एक इकाई में 1120 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। इसी तरह से 250-250 मेगावाट क्षमता की सूरतगढ की दो इकाइयों में शनिवार रात तक उत्पादन आरंभ होने की संभावना है। उन्होेंने बताया कि विद्युत उत्पादन निगम की इकाइयों के साथ ही प्रदेश की अन्य इकाइयों में भी विद्युत उत्पादन की लगातार समीक्षा की जा रही है।