From Struggle to Success: United Global Peace Foundation, a Symbol of Social Service
संघर्ष से सफलता तक: यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन बना समाजसेवा का नया प्रतीक
जयपुर, 23 अक्टूबर (संवाददाता) — शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन (यूजीपीएफ) आज समाजसेवा का पर्याय बन चुका है। यह धर्मनिरपेक्ष, गैर-राजनीतिक और सेवा-उन्मुख संस्था प्रत्येक वर्ग के कल्याण और सतत विकास के लिए समर्पित है।शिक्षा के माध्यम से उज्ज्वल भविष्य की दिशा में पहल यूजीपीएफ का मानना है कि कोई भी प्रतिभा संसाधनों की कमी के कारण पीछे न रह जाए। इस दृष्टिकोण से संस्था गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग, छात्रावास सुविधा और नियमित मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है। सैकड़ों विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित होकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं।रोजगार के अवसरों से सशक्त होता युवा वर्ग यूजीपीएफ राजस्थान के प्रतिष्ठित होटलों में वंचित युवाओं को तीन वर्ष की सशुल्क प्रशिक्षुता का अवसर प्रदान कर रहा है। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने हेतु वित्तीय सहयोग दिया जाता है, जिससे युवाओं को सम्मान और स्थिरता के साथ रोज़गार का अवसर मिलता है।सामाजिक करुणा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्यसंस्था अनाथ एवं निर्धन बेटियों की विवाह सहायता कर उन्हें सम्मानजनक जीवन प्रदान करने में सहायक रही है। इसके अलावा, ‘धुन लाइफ़स्टाइल फॉर एनवायरमेंट’ और ‘आई लव इंस्टिट्यूट’ जैसी पहलें जल, जंगल और ज़मीन के संरक्षण के लिए सतत प्रयासरत हैं। जबर गाँव की 500 एकड़ बंजर भूमि का पुनर्जीवन यूजीपीएफ की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का अनूठा उदाहरण है।संस्कृति और गौ-संवर्धन में नई सोच का समावेशसंस्था भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति के संवर्धन के साथ-साथ गौसेवा को आत्मनिर्भरता का आधार मानती है। आधुनिक गौशालाओं की स्थापना और गौ-आधारित जैविक खेती, डेयरी तथा आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली है।
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चेयरमैन मेघराज सिंह रॉयल: संघर्षों की प्रेरक गाथा यूजीपीएफ के प्रेरणास्रोत एवं एमआरएस ग्रुप के संस्थापक मेघराज सिंह रॉयल की यात्रा एक मिसाल है। राजस्थान के गंगानगर से निकलकर होटल प्रबंधन पाठ्यक्रम से शुरू हुआ उनका सफर आज 300 करोड़ रुपये के बहुव्यावसायिक साम्राज्य में परिणत हुआ। एक रसोइये के रूप में करियर आरंभ कर उन्होंने जैसलमेर में एक ऊँट अस्तबल (कैमेल कोर्रल) को ‘ट्रायो’ रेस्टोरेंट में बदला, जो उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदर्शिता का प्रतीक बना।विपरीत परिस्थितियों और भारी कर्ज़ के बावजूद उन्होंने शराब, रेत और संगमरमर के कारोबार में सफलता प्राप्त की। आज एमआरएस ग्रुप बुनियादी ढाँचे, खनन और आतिथ्य क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए हुए है। जयपुर में 600 एकड़ की प्रस्तावित टाउनशिप परियोजना और जैसलमेर का भव्य सूर्यगढ़ होटल उनकी दृष्टि और समर्पण के प्रतीक हैं।युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोतमेघराज सिंह रॉयल का मानना है कि कठिन परिश्रम, निष्ठा और कर्मठता से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। उनकी जीवन गाथा आज उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो सीमित संसाधनों से बड़ा सपना देखते हैं और उसे कर्म के माध्यम से साकार करने का साहस रखते हैं।
संघर्ष से सफलता तक: यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन बना समाजसेवा का नया प्रतीक
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संपादकीय सहयोग वंशिका शर्मा व देवांग शर्मा
