योग का मतलब जीवन में परम् आनंद की प्राप्ति
बीकानेर। आनन्दम् योग एवं ध्यान केन्द्र की ओर से पुरानी गिन्नाणी आनन्दम् सभागार में योग विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। आनन्दम् योग एवं ध्यान केन्द्र के योग गुरू दीपक शर्मा ने बताया कि राजस्थान के प्रसिद्ध योगाचार्य एवं योगापीस संस्थान, जयपुर के संस्थापक है जो कि जयपुर से बीकानेर आये। योगाचार्य ढाकाराम का योग शिक्षक रामगोपाल खडगावत, शिव कुमार शर्मा, प्रेमशकर व्यास, भुवनेश पुरोहित एवं रोहित गहलोत द्वारा स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।
जयपुर के योगापीस एवं एकम योगा के संस्थापक योगाचार्य ढाकाराम ने कहा कि योग का मतलब जीवन में परम् आनंद की प्राप्ति से है, आनंद तो हर किसी के अंदर समाहित है, लेकिन हम उसे देख नहीं पाते हैं। हम जब साधना करते हैं तो साधना से ही परम् योग एवं आनंद की प्राप्ति संभव है। उन्होंने भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास कराते हुए कहा कि योग क्रिया से शरीर का श्वसन तंत्र व रक्त परिसंचरण तंत्र मजबूत होता है, जिससे जुकाम, खांसी, अस्थमा, निमोनिया व फेफड़ों से संबंधित अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है। जीवन में हम जो भी कार्य करते है उन सभी का अंतिम लक्ष्य खुशी प्राप्त करना होता है। साथ ही उन्होंने विभिन्न प्रकार के योगासन एवं प्राणायाम का वैज्ञानिक महत्व बताकर अभ्यास करवाया। इस मौके पर वरिष्ठ योगाचार्य रामगोपाल खड़ावत, शिव कुमार शर्मा एवं भुवनेश पुरोहित ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
योग गुरू दीपक शर्मा ने कहा कि स्वयं की ओर लौटना व स्वयं से जुड़ने का नाम ही योग है। कार्यक्रम के अंत में योगाचार्य ढाकाराम का योग गुरू दीपक शर्मा ने स्मृति चिह्न देकर आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमित पुरोहित ने किया। कार्यक्रम में हीरालाल मॉल के रोहित गहलोत, योगिनी गीता बजाज, विंग्स स्कूल के निदेशक नरोत्तम स्वामी, महेन्द्र पंचारिया, शुभम ऐरी, अमित मोदी, गोविन्द ओझा के साथ ही कई गणमान्य लोग शामिल हुए।