पांच दिवसीय शिक्षक पर्व के शुभारम्भ पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित Various programs organized to inaugurate the five-day Teachers' Festival in JVB Ladnu

पांच दिवसीय शिक्षक पर्व के शुभारम्भ पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित Various programs organized to inaugurate the five-day Teachers’ Festival in JVB Ladnu

मनुष्यता के विकास के लिए संवेदना को बनाएं शिक्षा का मूल- प्रो. शास्त्री
पांच दिवसीय शिक्षक पर्व के शुभारम्भ पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित
पांच दिवसीय शिक्षक-पर्व के शुभारम्भ पर सम्बोधित करते प्रो. नलिन के. शास्त्री, कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए छात्राएं, शिक्षिका को पौधा भेंट करते छात्रा एवं कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि, शिक्षक एवं छात्राएं।
लाडनूं। जैन विश्वभारती संस्थान के में संचालित किए जाने वाले पांच दिवसीय शिक्षक-पर्व का सोमवार को शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर यहां महाप्रज्ञ-महाश्रमण ऑडिटोरियम में छात्राओं की ओर से आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. नलिन के. शास्त्री ने कहा कि संवेदना हमारी शिक्षा का मूल होना चाहिए, लेकिन आज असंवेदना बढ रही है और आदमी संवेदनाशून्य होता जा रहा है। शिक्षक के पास मुनष्य का परिष्कार करने का दायित्व है और इसी से वह मनुष्य को मनुष्य बना सकेगा। उन्होंने आधुनिक युग में गूगल और शिक्षक के समन्वय की आवश्यकता भी बताई और कहा कि जब हर सवाल को गूगल पर सर्च किया जा सकता है, तो शिक्षक की आवश्यकता को कायम रखने के लिए जरूरी है कि गूगल का बेहतर उपयोग और मशीनी बटनों की उपयोगिता को शिक्षक विद्यार्थी के लिए सकारात्मक बनाकर उसमें संवेदनाओं का निर्माण करे। उन्होंने शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को याद करते हुए प्रथम शिक्षक के रूप में माता की भूमिका का वर्णन भी किया और नमन करते हुए सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए माता के प्रति आदर व सम्मान के भावों का होना जरूरी बताया।
शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन
कार्यक्रम में रजिस्ट्रार रमेशकुमार मेहता ने शिक्षा की कोई उम्र नहीं होने की बात कहते हुए कहा कि व्यक्ति को जीवन भर सीखना ही चाहिए और जब भी जिससे भी सीखा जाए, उसके प्रति कृतज्ञ होना भी आवश्यक है। उप रजिस्ट्रार विनीत सुराणा ने शिक्षकों को हमेशा कुछ न कुछ सिखाने वाला और प्रेरणा देने वाला बताते हुए उनके प्रति आदर-सत्कार आवश्यक बताया। कार्यक्रम में सभी शिक्षकों को छात्राओं द्वारा पौधे लगे गमलों का उपहार प्रदान करके पर्यावण जागरूकता का उदाहरण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर शिक्षिकाओं एवं शिक्षकों के लिए पहचान व कुर्सी-दौड़ की अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन भी छात्राओं ने रखा, जिनमें विजेता रहे शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम में उर्मिला, उषा एवं समूह, आशीष शर्मा, निकीता व कविता, हेमपुष्पा व सुनीता चौधरी ने नृत्य प्रस्तुत किए। सपना व अभिलाषा ने कॉमेडी प्रस्तुत की। अभिलाषा, ऐश्वर्या व प्रियंका ने कविता प्रस्तुत की। नफीसा, खुशी जोधा, प्रियंका सोनी, निकिता, वृंदा दाधीच व आकांक्षा ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रियंका व तनिष्का भोजक गीत प्रस्तुत किया। प्रारम्भ में सुनीता ने गुरूवंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन हेमपुष्पा चौधरी, अभिलाषा, निकिता, भावना व कुसुम ने किया।
छात्राओं ने संभाला शिक्षक और प्राचार्य का कार्यभार
शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले श्रंखलाबद्ध 5 दिवसीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत प्रथम दिवस आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी के निर्देशन में छात्राओं ने शिक्षक की भूमिका में महाविद्यालय का कार्यभार संभाला। छात्रा विमला ने प्राचार्य की भूमिका का निर्वहन करते हुए प्राचार्य-कक्ष में बैठकर प्राचार्य पद के महत्व एवं जिम्मेदारियों को करीब से जाना-समझा। उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी के साथ चलकर छात्राओं द्वारा संचालित की जा रही सभी कक्षाओं का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक जीवन के महत्व एवं शिक्षक कर्तव्य को विस्तार से व्याख्यायित किया। प्रो. त्रिपाठी ने शिक्षक एवं विद्यार्थी को एक दूसरे का पूरक मानकर शिक्षक-विद्यार्थी संबंधों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक चारण ने किया। उनके साथ सह संचालक के रूप में प्रेयस सोनी थे।
शिक्षक-पर्व पर होने वाले पांच दिवसीय कार्यक्रम
डा. गिरीराज भोजक ने बताया कि सोमवार से विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय शिक्षक पर्व का प्रारम्भ किया गया है। इसके तहत सोमवार को प्रािम दिवस शुभारम्भ समारोह एवं शिक्षकों का सहचर्य-सम्मान तथा छात्राओं द्वारा शिक्षकों की भूमिका निभाने का कार्य किया गया। मंगलवार 6 सितंबर को आधुनिकीकरण एवं शिक्षक तथा गुरु-शिष्य संबंध पर परिचर्चाओं का आयोजन किया जाएगा। 7 सितंबर को भारतीय ज्ञान पद्धति पर एक प्रदर्शनी के आयोजन के साथ देश के समसामयिक विषयों पर एक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। 8 सितंबर को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीतिः शिक्षक के लिए नई चुनौतियां’ विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया जाएगा तथा छात्राओं को एक शिक्षाप्रद फिल्म दिखाई जाएगी। इनके बाद 9 सितंबर को गुरु की महत्ता पर एक कार्यशाला का आयोजन और छात्राओं के कलए शिक्षाप्रद फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा।

पांच दिवसीय शिक्षक पर्व के शुभारम्भ पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित Various programs organized to inaugurate the five-day Teachers’ Festival in JVB Ladnu

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