Wednesday, May 4, 2022
जहां लोगों को FASTag प्रणाली को अपनाने में काफी समय लग गया, वहीं अब भारत सरकार जल्द ही इस प्रणाली को जल्द ही बंद करने वाली है। अब केंद्र सरकार GPS आधारित टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम शुरू करने की योजना बना रही है। भारत के सड़क और राजमार्ग परिवहन मंत्री, Nitin Gadkari ने पहले GPS आधारित टोल टैक्स संग्रह के बारे में जानकारी दी थी।
अब ऐसा माना जा रहा है कि भारत सरकार जल्द ही इस नई व्यवस्था को लागू करेगी। स्टेट्समैन की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार पहले से ही भारतीय राजमार्गों पर इस प्रणाली का परीक्षण कर रही है। हालांकि, एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत नई प्रणाली कहां काम कर रही है, इसकी सही जगह की जानकारी फिलहाल नहीं है।
कैसे काम करेगा नया GPS सिस्टम?
GPS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम के तहत ग्राहक हाईवे पर तय की गई दूरी के हिसाब से टोल का भुगतान करेंगे। नए कानून आनुपातिक आधार पर टोल वसूलेंगे। इसका मतलब यह है कि आप जितना अधिक राजमार्गों का उपयोग करेंगे, आपको उतनी ही अधिक टोल टैक्स का भुगतान करना होगा।
मौजूदा समय में टोल बूथों पर स्टेप्ड रेट पर टोल वसूला जाता है।
यह सिस्टम पहले से ही कई यूरोपीय देशों में काम कर रहा है और भारत सरकार का कहना है कि यह काफी सफल भी है। यूरोपीय देशों में भारी सफलता के कारण भारत सरकार भारतीय सड़कों पर भी इसी तरह के सिस्टम को लागू करने की योजना बना रही है।
टोल रोड पर कार चलाते ही GPS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम यात्रा की रिकॉर्डिंग शुरू कर देता है। कार के बाहर निकलने पर यह रुक जाता है। उपयोगकर्ता को एक्सप्रेसवे पर उसके द्वारा चलाए गए किलोमीटर के आधार पर टोल का भुगतान करना होगा।
