सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही राजस्थान सरकार, पंचायत चुनाव में देरी को लेकर अशोक गहलोत ने उठाए सवाल
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को राजस्थान की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव में देरी करके सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और संविधान की “उल्लंघन” कर रही है।
Rajasthan government is defying Supreme Court orders, Ashok Gehlot raises questions about delay in Panchayat elections
एक वीडियो बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकायों का कामकाज लगभग ठप हो गया है और बीजेपी हार के डर से चुनाव से बच रही है।
अशोक गहलोत में आरोप लगाया कि शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद, राज्य सरकार ने चुनाव कराने के बजाय प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह “संविधान का सीधा उल्लंघन” है।
Rajasthan government is defying Supreme Court orders, Ashok Gehlot raises questions about delay in Panchayat elections
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243-E और 243-U के अनुसार हर 5 साल में चुनाव होना अनिवार्य है, और उनकी अवधि इस अवधि से अधिक नहीं हो सकती। गहलोत ने सुप्रीम कोर्ट के उन फैसलों का भी हवाला दिया जिनके अनुसार हर 5 साल में पंचायत चुनाव होना जरूरी है।
कांग्रेस नेता ने सरकार के इस फैसले को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए इसकी निंदा की और कहा कि इससे इन संस्थाओं का मूल उद्देश्य ही कमजोर हो गया है, जो की जमीनी स्तर पर नेतृत्व तैयार करना है। अंतिम यू एल बी चुनाव नवंबर 2019 में हुए थे, और अंतिम पीआएआई चुनाव जनवरी 2020 में आयोजित किए गए थे।
Rajasthan government is defying Supreme Court orders, Ashok Gehlot raises questions about delay in Panchayat elections
