अधिवक्ता आत्मदाह मामला : शव के साथ प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी, नहीं हो सकी समझौता वार्ता

Advocate self-immolation case: 




अधिवक्ता आत्मदाह मामला : शव के साथ प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी, नहीं हो सकी समझौता वार्ता

खंडेला – (सीकर) -: खंडेला. खंडेला में अधिवक्ता के आत्मदाह का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अधिवक्ताओं व परिजनों का शव के साथ प्रदर्शन शनिवार को भी जारी रहा। धरना स्थल पर भाजपा, कांग्रेस, माकपा के साथ रालोपा नेता भी पहुंचे है। जिला कलक्टर की तरफ से शनिवार को चौथे दौर की वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया। लेकिन प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम और एसएसएचओ की गिरफ्तारी नहीं होने तक समझौता वार्ता के प्रस्ताव को ही ठुकरा दिया। इधर, प्रदेशभर में अधिवक्ताओं ने शनिवार को नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। श्रीमाधोपुर अभिभाषक संघ के आह्वान पर जिले भर के अधिवक्ता एसडीएम कार्यालय के सामने शव रखकर 5 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे रहे। प्रशासन व अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल के बीच तीन दौर की वार्ता विफल होने के बाद माकपा नेता अमराराम ने कहा कि जब तक दोषी अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग पूरी नहीं की जाती तब तक अन्य मांगों पर कोई वार्ता नहीं की जाएगी। धरने को सांसद सुमेधानंद सरस्वती, कांग्रेस नेता सुभाष मील, पूर्व राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया, भाजपा जिलाध्यक्ष इंदिरा चौधरी, माकपा नेता किशन पारीक सहित अन्य अधिवक्ताओं ने संबोधित किया। सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों से जब तक फाइलें छीन कर न्यायिक अधिकारियों को नहीं सौंपी जाएंगी तब तक यह भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता। सांसद ने अधिवक्ता के आत्मदाह प्रकरण की जांच राज्य सरकार की किसी एजेंसी के बजाय सीबीआई से कराने की मांग का भी समर्थन किया। सांसद ने कहा कि राज्य सरकार से इस मामले में न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती।
यह है मामला -: अधिवक्ता हंसराज मावलिया ने एसडीएम राकेश कुमार व थानाधिकारी घासीराम मीणा पर भ्रष्टाचार व धमकाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार दोपहर एसडीएम कोर्ट के बाहर आत्मदाह कर लिया था। जयपुर में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सुसाइड नोट में उसने एसडीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एसडीएम व एसएचओ को मौत का जिम्मेदार ठहराया।
तीन मांगों में उलझा प्रशासन -: प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच शनिवार को बातचीत का दौर ही शुरू नहीं हो सका। इसके पीछे वजह अधिवक्ता और परिजनों की तीन मांग है। अधिवक्ताओं की मांग है कि पहले एसडीएम और एसएचओ की गिरफ्तारी की जाए। इसके अलावा परिजनों को दो करोड़ का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग है। प्रशासन इन तीनों मांगों के बीच उलझ गया है।
वार्ता की लगातार कोशिश : जिला कलेक्टर -: आंदोलन समिति के पदाधिकारियों से लगातार बातचीत की जा रही है। पांच सूत्रीय मांग पत्र को लेकर नए सिरे से जल्द वार्ता की पहल प्रशासन करेगा।
अविचल चतुर्वेदी, जिला कलेक्टर, सीकर

दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक आंदोलन : माकपा
दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रशासन को पहले दिन ही पांच सूत्रीय मांगों के संबंध अवगत करा दिया था। दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
किशन पारीक, जिला सचिव, माकपा

सीकर: खंडेला में अधिवक्ता की जलकर मौत से जुड़ा प्रकरण

सीकर एसपी ने SHO को किया लाइन हाजिर। दूसरे दिन भी वकीलों का आंदोलन जारी, 5 सूत्री मांगों को लेकर नहीं बनी सहमति। म्रतक का शव डीप फ्रीज में रखवाया, मानव अधिकार आयोग ने सीएस व डीजीपी से की रिपोर्ट तलब। खण्डेला कस्बे का बन्द का आव्हान, शांति व्यवस्था के लिए पुलिस का भारी जाब्ता तैनात।

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