नवरात्रि के पांचवें दिन ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानें विधि मंत्र और आरती

?
⛳
?
?

नवरात्रि के पांचवें दिन ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानें विधि मंत्र और आरती?⛳??

नवरात्रि के पांचवें दिन ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानें विधि मंत्र और आरती??

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां स्कंदमाता की विधवत उपासना करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.?

मां स्कंतमाता अपने भक्तों पर पुत्र जैसा स्नेह बरसाती हैं. शास्त्रों के मुताबिक देवी स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. ?????

आइए जानते हैं मां स्कंदमाता की पूजा विधि, मंत्र और आरती.

?
?
?
?
?

मां स्कंदमाता पूजा विधि?⛳

सबसे पहले चौकी (बाजोट) पर स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें।

चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर कलश रखें।

उसी चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) की स्थापना भी करें।

इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा स्कंदमाता सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें।

इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।

मां स्कंदमाता मंत्र?⛳

ओम् देवी स्कन्दमातायै नमः?

?या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:?

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी

महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी

त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि

?मां स्कंदमाता की आरती?

जय तेरी हो स्कंदमाता

पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी

जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं

हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं

कई नामो से तुझे पुकारा

मुझे एक है तेरा सहारा

कहीं पहाड़ों पर है डेरा

कई शहरों में तेरा बसेरा

हर मंदिर में तेरे नजारे गुण गाए

तेरे भगत प्यारे भगति

अपनी मुझे दिला दो शक्ति

मेरी बिगड़ी बना दो

इन्दर आदी देवता मिल सारे

करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये

तुम ही खंडा हाथ उठाये

दासो को सदा बचाने आई

चमन की आस बुझाने आई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *