Rajasthan Police advises using e-Scan Bot Removal App to avoid malware and cyber fraud

मालवेयर और साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए राजस्थान पुलिस ने दी ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप उपयोग करने की सलाह

मालवेयर और साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए राजस्थान पुलिस ने दी ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप उपयोग करने की सलाह

सीकर 19 सितंबर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने मालवेयर हैकिंग और साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी कर ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का उपयोग करने की सलाह दी है। इस एडवाइजरी का उद्देश्य लोगों को संभावित साइबर हमलों से सचेत करना और उनसे बचने के उपाय बताना है।एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी नकली वेबसाइट, मैलवेयर और फिशिंग हमलों का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं। ये हमले आमतौर पर स्मार्टफोन, लैपटॉप, बैंकिंग ऐप्स या सोशल मीडिया के माध्यम से लिंक भेजकर किए जाते हैं। एक बार जब उपयोगकर्ता इन लिंक पर क्लिक करता है तो मैलवेयर उसके डिवाइस में प्रवेश कर जाता है जिससे उसकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी खतरे में पड़ जाती है।एडवाइजरी में ऐसे हमलों से बचने के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का उपयोग सुझाया गया है। इसके लिए अपने मोबाइल या कंप्यूटर में ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप ओपन करें और मुख्य स्क्रीन पर ‘स्कैन’ का विकल्प चुनें। फुल स्कैन विकल्प पर टैप करें, स्कैन पूरा होने पर ऐप एक रिपोर्ट दिखाएगा जिसमें पाए गए बॉट्स, मैलवेयर या संदिग्ध फ़ाइलों की जानकारी होगी। रिपोर्ट के आधार पर आप रिमूव या डिलीट बटन दबाकर इन हानिकारक फ़ाइलों को हटा सकते हैं।इस प्रक्रिया को नियमित रूप से दोहराने से आपका डिवाइस सुरक्षित रहेगा।इसके साथ ही एडवाइजरी में बताया गया है कि किसी भी साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते ही तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करवाएं। इसके अतिरिक्त साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930/9257510100 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

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