The circumambulation of Govardhan rock takes place in the Radha Damodar temple on Chaura Rasta

चौड़ा रास्ता के राधादामोदर मंदिर में होती है गोवर्धन शिला की परिक्रमा

चौड़ा रास्ता के राधादामोदर मंदिर में होती है गोवर्धन शिला की परिक्रमा
………………………….

जितेन्द्र सिंह शेखावत

…………,…………………
*चौड़ा रास्ता स्थित राधादामोदर जी मंदिर में गोवर्धन शिला को भक्तजन गोर्वधन या गिरिराज पर्वत का प्रतीक मान कर परिक्रमा करते हैं ।गौड़ीय सम्रदाय के इस मंदिर में विराजित पवित्र शिला के बारे में कहा जाता है कि यह शिला भगवान श्रीकृष्ण ने अपने अनन्य भक्त सनातन गोस्वामी महाराज को भेंट की थी। औरंगजेब ने वृंदावन के मदिरों को खंडित करने का फरमान जारी किया तब नंदलाल गोस्वामी भगवान के साथ इस शिलाको राधा कुंड होते हुए जयपुर लाए थे
गोवर्धन पर्वत की यह शिला महान संत सनातन गोस्वामी के पास थी। मंदिर के मंहत मलय *गोस्वामी के अनुसार सनातन गोस्वामी रोजाना गिरिराज जी की परिक्रमा किया करते थे। वे वृद्ध हो गए तब भी उन्होंने गिरिराज परिक्रमा को नहीं छोड़ा । वे बड़ी मुश्किल से गोवर्धन परिक्रमा कर पाते थे। कहते है कि सनातन गोस्वामी की* भक्ति से प्रभावित भगवान श्रीकृष्ण ने बालक स्वरूप में प्रकट हो कर सनातन गोस्वामी को यह शिला भेंट की और कहा * कि इस शिला की फेरी करने से उन्हें गोर्वधन परिक्रमा का सम्पूर्ण फल प्राप्त होगा ।
संस्कृत विद्वान डा. सुभाष शर्मा के मुताबिक करीब डेढ़ हाथ लम्बी वट-पत्राकार श्याम रंग की गिरिराज शिला पर भगवान के चरण चिह्न और गाय के खुर के निशान अंकित हैं। सनातन गोस्वामी के शरीर त्यागने के बाद यह शिला वृंदावन स्थित राधा दामोदर जी मंदिर में भगवान की मूर्तियों के साथ स्थापित की गई। तब से इस मंदिर में परिक्रमा लगाने की प्रथा शुरू हो गई । मान्यता है कि मंदिर की चार परिक्रमा लगाने पर गिरिराज जी की सात कोस अर्थात 25 किलोमीटर की परिक्रमा लगाने का पुण्य फल प्राप्त होता है। मंदिर में कविराज राधा वृंदावन चन्द्र जी महाराज द्वारा सेवित राधा छैल के विग्रह भी मंदिर में मौजूद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *